...

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Self Love.. and Me 🤦‍♀️.
20.10.23, 04.38
#dairy 📖

They say do self love.
me: 🙄
किस किस से प्यार करू 🤦!
मैं तो सभी में self को ही देखती हूं...
...😊
नई I don't mean वो गलत कहते हैं..
वे सही ही कहते हैं...
मगर 'self' से उपर भी कुछ हैं...!
'love' से उपर भी कुछ हैं..😊..
इसीलिए self के उपर Love को रखती हूं...
और Love के उपर
वो जो कुछ नहीं हैं उसे...😊
" The truth "
self Love के लिए
पहले self होना तो चाहिएं...!

ये बातें चाहतों को
पुरा करने के लिए ज़रूरी हैं...
self की चाहतों को..!
दूसरे की चाहतों को पुरा करने के लिए love ही काफ़ी हैं
जब तक उस दूसरे के खुदके कर्म अडंगी ना डाले...!
वरना love अपने purest form में महज़ एक शक्ति बन जाता हैं
सर्वशक्तिशाली..!
प्रेम से जुड़ते ही
कोई भी इच्छा पूरी हो जाती हैं...
प्रेम को इच्छा करने की दरकार ही नहीं...
प्रेम अपनी ताकत से वाकिफ हैं
किन्तु प्रेम self के लिए
कोई इच्छा करता ही नहीं...
अपने तप से जो मिल जाए
वह पूजा का प्रशाद ..
वो उसी में खुश हो लेता हैं...
प्रेम की खुशी भी यहीं
के किसी के लिए कुछ कर सके,
प्रेम का दुख भी यहीं
किसी के लिए कुछ ना कर पाए...
क्योंकि love खुद self विहीन होता ...हैं..
love होता ही हैं उस दिन आपको
जब आप self से उपर उठ जाते हो..
और हकीकत...
love होता नहीं आपको..
आप love हो जाते हों....!
वे जिनकी बात करते हैं
वो..
self focused होने की बात हैं,
self को importance देने की बात करते हैं..
self care की बात करते हैं..
जो सही भी हैं.. !
क्योंकि pure and absolute Love तक पहुचने के लिए..
self less love के लिए
पहले self तक पहुँचना तो ज़रूरी हैं
इसलिए self love का रास्ता
उनके लिए हैं...
जो अभी self तक भी नहीं पहुंचे हैं...
जिन्हें कुछ पाना हैं जीवन में
निश्चीत ही self love is really important for them.
क्योंकि इस self में ही वो परमात्मा भी बसता हैं...
किंतू इस self के परे प्रेम हैं जहां कुछ पाने सा नहीं रहता
पार्थिव जगत में तो कम से कम... !
और
उस प्रेम के परे भी कुछ हैं
मगर वो कुछ नहीं हैं...
# शुन्य
जिसका वास्ता
ना Self से हैं..
ना love से!
ना जीवन से..
ना मरण से!
ना ही जगत से.. !!
ना self के साथ उसमें प्रवेश हैं
ना ही प्रेम के साथ...
और ना ही self से,
प्रेम से गुज़रे बिना... !
खैर इसीलिए वे गलत नहीं हैं
सही ही कहते हैं
बस मैं ही थोड़ी उलटी इनसान हूं...
मेरे रास्ते सारे थोड़े उलटे ही होते हैं 😊..

Of course I am in love with my self,
but when I am in self.
The moment I become Love
Love is free,
not bounded to self..
not bounded with self.
love flows
where ever it goes..
where ever it goes...!!
that's why...
people usually move away from the people in dark.
because they are centered at self.
And Love has left behind the self..
and has moved beyond...
that's why Love automatically flows to the people in need of them.
Love becomes more attracted towards them..
those are in need..
need of light!
everyone attracted towards light..
genuine light..
or
may be artificial light!
But only Love is attracted towards the dark.
and dwells in dark to light up their life.
Bring them to light.
But the day comes... when Love is also lost.
become nobody,
nothing...
which exists no where.
omnipresent but totaly absent in the existence at the same time. 🙂. 😊.

#love and the #self
#selflove
#life.
#journeyofselfnlove
#शुन्य
© D💚L