...

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आज सोच ही रहा था 😎
आज सुबह पेहली बार writco खोलकर
सोच रहा था कि लिखू तो क्या लिखू..
किस्से कहू अपनी मन कि बात..
किस पर एकीनं करू..
उदास हू और परेशान भी.

समज नही आ रहा क्यू उलझ रहा हमारा जीवन
बहोत खामोश है आज हम,
कभी इतने उदास रहे नही हम.
किससे सवाल करे चिखना,चिल्लाना चाहे
फिर सोचते है चिल्लाये भी,तो किसपर कोई तो हो..

ऐसे नही थे कभी हम,ऐसी जिंदगी नही थी हमारी .
कभी हमारे जिंदगी मे भी रौनक थी,
प्यार था.. जिसके साथ जिंदगी बिताने के सपने थे.
पर कहते है ना.. सौं अच्छे कामो को एक गलत काम खतम कर देता है..
और लोग सिर्फ एक गलत को पकड लेते है..
ऐसा ही कुछ अंजाने मे हो गया हमसे..
और जिंदगी बिखर गइ..

अब कितनी भी सवरना चाहो बिखर ही जाती है
और सोचते है हम के एक दिन तो सही होगा शायद..
आज सोच ही रहा था लिखू तो क्या लिखू..
....✍️ Raj Thepane