आज सोच ही रहा था 😎
आज सुबह पेहली बार writco खोलकर
सोच रहा था कि लिखू तो क्या लिखू..
किस्से कहू अपनी मन कि बात..
किस पर एकीनं करू..
उदास हू और परेशान भी.
समज नही आ रहा क्यू उलझ रहा हमारा जीवन
बहोत खामोश है आज हम,
कभी इतने उदास रहे नही हम.
किससे सवाल करे चिखना,चिल्लाना चाहे
फिर सोचते है चिल्लाये भी,तो...
सोच रहा था कि लिखू तो क्या लिखू..
किस्से कहू अपनी मन कि बात..
किस पर एकीनं करू..
उदास हू और परेशान भी.
समज नही आ रहा क्यू उलझ रहा हमारा जीवन
बहोत खामोश है आज हम,
कभी इतने उदास रहे नही हम.
किससे सवाल करे चिखना,चिल्लाना चाहे
फिर सोचते है चिल्लाये भी,तो...