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माँ की परिभाषा
एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है
बस यही माँ की परिभाषा है।

हम समंदर का तेज है तो वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम एक स्कूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर


हम दुनिया के अंग हैं, वह पक्का है
हम पत्थरों के संग हैं कंचन की कृणिका है

हम वरदान हैं वह बोलते हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं
हम लव कुश है सीता वह है, हम छंद हैं वह कविता है।

राजा हम हैं वह राज है, हम मस्तक हैं ताज है
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है।

हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है।
बस यही माँ की परिभाषा है।
© parth