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एहसास ए दिल
© Shivani Srivastava
काश! बयां हो पाता तुम तक, दिल का ये एहसास..
काश! बता पाती,तेरी यादें हैं हर पल दिल के पास।
माना कि नहीं है कोई गहरा रिश्ता,बंधन नहीं है ख़ास..
लगाव होता है दिल से भी,तुम कर न सके विश्वास।
शायद मेरी ही थी नादानी, जो दिल से लगाई हर बात..
जितना गहरा हुआ लगाव,उतना गहरा लगा आघात।
न जाना दिल ने क्या दुनिया है, क्या हैं इसके हालात...
टूट गया ये दिल भी आख़िर,बस चुभते हैं ये जज़्बात।
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