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इंसानियत
ना बाटो इंसान को धर्म और मजहब के नाम पर
पहेचानो बस उसे इंसानियत के नाम पर
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
ना में हिन्दू कहलाऊं ना तुम मुसलमान
इंसानियत ही धर्म कहलाए हमारा
मजहब यही बन जाए हमारा
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है ।
जब एक ही देश के वासी है हम सब तो फिर
धर्म और मजहब के नाम पर दंगा क्यू??
में उचा हूं तुम नीचे हो इस बात पर लेते एक दूसरे से पंगा क्यू ??
देखो इंसान को इंसानियत की नज़रों से ना देखो
उसे धर्म ओर मजहब की नजरो से
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
असली पहचान इंसान की उसकी सोच और काबिलियत से होती है
ये वो पहेचान हे जो सबसे ऊपर होती है
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती हैं !!!
✍️ jalpa solanki ✍️
#jalpasolanki,#writcopoemchellenge, #insanityparkvita,
पहेचानो बस उसे इंसानियत के नाम पर
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
ना में हिन्दू कहलाऊं ना तुम मुसलमान
इंसानियत ही धर्म कहलाए हमारा
मजहब यही बन जाए हमारा
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है ।
जब एक ही देश के वासी है हम सब तो फिर
धर्म और मजहब के नाम पर दंगा क्यू??
में उचा हूं तुम नीचे हो इस बात पर लेते एक दूसरे से पंगा क्यू ??
देखो इंसान को इंसानियत की नज़रों से ना देखो
उसे धर्म ओर मजहब की नजरो से
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
असली पहचान इंसान की उसकी सोच और काबिलियत से होती है
ये वो पहेचान हे जो सबसे ऊपर होती है
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती है।
क्युकी इंसानियत से ही तो इंसानियत जिंदा रहती हैं !!!
✍️ jalpa solanki ✍️
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