बार बार
इज़हार की बारीकियों में न जा
ये वो खाता थी जो हो गई
और बार बार होगी
इंतजार को नजदीकियों से सजा
तेरी रज़ा...
ये वो खाता थी जो हो गई
और बार बार होगी
इंतजार को नजदीकियों से सजा
तेरी रज़ा...