...

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खामोश मोहब्बत
ना मैं उसकी मुस्कुराने की वजह हूं
ना उसके आंसुओं का हक,
पर वह कहते हैं कि मैं उसके
जज्बातों का सबब आज भी हूं,

ना भीड़ में मेरी तलाश उसे
ना अकेले में कोई ख्वाहिश
पर वह कहता है कोई नहीं जानता
उसके करीब उतनी अजीज में आज भी हूं

ना मुझे पाने का उसे जुनून कोई
ना मुझे खोने का डर,
पर वह कहता है फकीरों सी उसकी
चाहत आज भी मैं हूं,

ना उसे मुझसे हमदर्दी की उम्मीद
ना उसकी मंजिल मैं,
पर वह कहता हैं उससे राह में
ना मिलने की शिकायत आज भी है

ना पूछता है हाल मेरा
ना आप बीती बताता है
पर वह कहता है उसे मेरे हर दर्द की
आहट आज भी होती है

ना वह पहले जैसा है
ना उसकी आदतें पहले जैसी है
पर वह कहता है पहले जैसी मोहब्बत
उसे आज भी है,

वह भी नहीं बोलता कभी
और मैंने भी चुप्पी सी थामी है
पर यह ख़ामोश सी मोहब्बत
जारी आज भी है....✍️
© Diyaz_line✍️
#Love&love #writco