तुझे कोई रोक नहीं सकता
तुम रुकना ना कभी, ना डरना किसी से कभी
ना कभी घबराना तुम बाहरी परिस्थितियों से कभी
चाहे वो दिखे कितनी भी बड़ी
और डरने की तुझे जरूरत है भी कहा
तू भला कौनसी अकेली हैं खड़ी
जो हमेशा तेरे साथ होता हैं तेरा बजरंग हैं तो सही
रुख हवा का वहीं...
ना कभी घबराना तुम बाहरी परिस्थितियों से कभी
चाहे वो दिखे कितनी भी बड़ी
और डरने की तुझे जरूरत है भी कहा
तू भला कौनसी अकेली हैं खड़ी
जो हमेशा तेरे साथ होता हैं तेरा बजरंग हैं तो सही
रुख हवा का वहीं...