...

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लेट कन्फेशन

उसका मेरे से बात करने को तरसना,
होली को मुझे अपने हाथो से रंग लगाना,
मेरी तरफ देख के हसना,
स्कूल के बाद गेट के पास रुखना,
ट्यूशन के बाद मेरे घर के बगलवाली गली में मेरी राह देखना,
अपने बर्थडे को मेरे हाथो से केक कट करवाना,
मेरे लिए गिफ्ट्स लाना,
किसी और लड़की को मेरे पास आने न देना,
मुझे हमेशा सपोर्ट करना,
मेरे लिए रोना,
मुझे इंप्रेस करने के लिए उटपटांग हरकत करना,
दुनियादारी की परवाह न करना,
मुझे हमेशा चाहना,
मुझे पाने के लिए मेरे दोस्तो से मदत मांगना,
मेरे ना कहेने पे भी मेरे पिछे सालो लगे रहना,
ये सब आज मुझे अचानक याद आने लगा,
जब मैंने उसे किसी ओर के साथ खुश देखा,
तब ऐसास हुआ की मैं भी उसे चाहता था,
लेकिन डरता था कई करियर खराब हो न जाएगा,
आज न करियर है और न लवर,
अब लगता है रहना पड़ेगा मुझे सिंगल फॉरेवर।
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जब थी पास,
लगती नहीं थी इतनी खास,
अब जब नही है वो पास,
तकलीफ होती है लेने को सास।

© Rohit Gotmare