...

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#टूटा - टूटा चाँद
टूटा- टूटा चाँद

आज चाँद कुछ टूटा सा है ,
इस जमी से कुछ रूठा सा है ,
छुपा जा रहा है इसके आगोश में ,
जमी बन गयी ,जैसे महबूबा है
त्राहि-त्राहि कर उठी हर दिशा ,
हर नजारे का पसीना छूटा सा है ,
सितारे भी खो रहे रोशनी ,
यह टकराव भी अनूठा सा है ,
हवा चल रही घबराकर बडी ,
हर दिल कुछ संजीदा सा है ,
ग्रहण लग जाये इस ग्रहण को ,
हर दिल बहुत टूटा सा है ||

© dishaverma