युद्ध
युद्ध
प्रभुत्व के युद्ध,
जिसे बताया जाता पावन वेदी,
जिस पर चढ़ती हैं,
कितने ही नाज़ुक जवानी,
आहुति में लूट ली जाती हैं,
कितनी ही कोमल यौवन,
उसी वक्त एक मां,
दुबारा महसूस करती हैं,
वर्षो पुरानी अपनी प्रसव पीड़ा ।
परिणाम में एक बादशाह,
इन चीखों को,
अपने जश्न से धूमिल कर देता हैं।
- अखण्ड प्रताप' हितैषी
प्रभुत्व के युद्ध,
जिसे बताया जाता पावन वेदी,
जिस पर चढ़ती हैं,
कितने ही नाज़ुक जवानी,
आहुति में लूट ली जाती हैं,
कितनी ही कोमल यौवन,
उसी वक्त एक मां,
दुबारा महसूस करती हैं,
वर्षो पुरानी अपनी प्रसव पीड़ा ।
परिणाम में एक बादशाह,
इन चीखों को,
अपने जश्न से धूमिल कर देता हैं।
- अखण्ड प्रताप' हितैषी