...

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padh lo
मेरी ख़ामोश नजरों के इशारे तुम कभी पढ़ लो ,
फिजा में बिखरे हैं जज्बात सारे तुम कभी पढ़ लो ,
अगर कोई बात मेरी समझ में आये न ऐ दिलबर ,
लिखें हैं खत में वो जज्बात सारे तुम कभी पढ़ लो।


बहुत आसान है मझधार में रास्ता बदल लेना ,
बहुत आसान है मझधार में रास्ता बदल लेना ,
किसी के दिल पे क्या बीती है ,वो जज्बात भी पढ़ लो।


कभी नाराज होकर भी अगर वो मुस्कुराये तो ,
कभी नाराज होकर भी अगर वो मुस्कुराये तो ,
दबी है उसके दिल में जो ,कभी आवाज़ भी पढ़ लो।



अगर कहनी हो उससे बात दिल की रुको ,तुम जरा ठहरो ,
अगर कहनी हो उससे बात दिल की रुको ,तुम जरा ठहरो ,
है कश्मकश क्या उसके दिल में ,ये हालात भी पढ़ लो।


अगर तुम सोचते हो की अब वो टूट जायेगा ,
भरा तूफान है, जज्बा तो उसका डगमगाएगा,
नहीं वो हार मानेगा ,अब ये है फैसला उसका ,
कभी आँखों में आंखे डाल कर,ये ख़यालात भी पढ़ लो।