...

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मेरी अधूरी हसरतें...
सुनो ना कभी हो फ़ुरसत तो सुनाऊँ तुम्हें
कितना महसूस होता है
तेरा ना होना..
कई दफा जब दिल उदास होता हैं
भीड़ मे भी हमेशा
तेरे पास होता हैं..
चाह कर भी नहीं कर पाता हू खुद को तुझसे दूर.. किस तरह जताऊ तुझे
दिल के हाथो हू कितना मजबूर...
काश तू समझ पाती मेरी बेचैनी का सबब..
काश तू बन पाती मेरे इश्क का मजहब..
काश.....
ये काश बस काश ही रह जाता है....!!

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashishsingh #Ashishsingh #mysteriouswriter