वो चमकते हुए तारें और पापा की यादें
दिन ढल जाते हैं और रात बीत जाती हैं
मगर आपकी यादें
ना ढलते हैं ना बितते हैं,
आपकी कमी खलती है मुझे
भीड में, तन्हाई मे, हर उत्सव और तौहार मे,
अश्क भी साथ...
मगर आपकी यादें
ना ढलते हैं ना बितते हैं,
आपकी कमी खलती है मुझे
भीड में, तन्हाई मे, हर उत्सव और तौहार मे,
अश्क भी साथ...