...

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क्या कहें रही हैं
क्या कहें रही हैं ये हवाएं,
क्या और कोई हैं मेरे सिवाए?

क्या कहें रही है ये बारिश,
क्या हैं तुम्हारा ख्वाहिश?

क्या कहें रही है ये हथेली,
क्या सुलझा दोगे मेरी जीवन की पहेली?

क्या कहें रही है ये सितारे,
क्या हम दिल से हारे?


© Baishali Mandal