...

3 views

#हाल~ए~दिल
बहुत वज़न था उन दो शब्दों में ज़ालिम
जो मुद्दातों से सहेजे थे,
तुम्हे हाल ए दिल बताने के लिए
जो हमारे दिल से लबों का सफर तय कर न सके कभी
तुम्हे दिल की दास्तान सुनाने के लिए
सभी कोशिशें हुईं नाकाम दिलबर
हाल ए दिल तुम्हारे सामने बयां करने के लिए
सुना है आजकल ज़माने की फिक्र करते हो
मुझसे ज्यादा तुम,
दो लफ्ज़ बस तुम्हें, सुनाने के लिए
मैंने लिख डाली नज्में, ज़माने के लिए।
👌✍️© ranjeet prayas