...

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यादें
वो सारी यादें आपकी
मेरे दिल में आज भी ज़िंदा हैं
कितना हस्ते थे ना हम साथ में
यूं तो मैं बचपन में अपनी पसंदीदा चीज़
किसी के साथ नहीं बांटती थी
पर आप
आपके साथ ख़ुशी ख़ुशी बांट लिया करती
आप मुझे वक़्त देना कभी भूलते ही नहीं थे
मैं खाने की शौक़ीन हूं ये जानकर
आप मेरे लिए नए नए तरीके का
खाना बनाया करते थे
मेरा कितना खयाल रखते थे

कितना याद आते हो आप
ये मैं किसी से कह भी नहीं सकती
जब भी आपके संग बिताए पल
मुझे याद आते हैं
आंखों से अश्क बह ही जाते हैं
कितना दर्द होता है ना
जब हम अपने पसंदीदा शख़्स से
मिल तक नहीं सकते
उनकी आवाज़ तक नहीं सुन सकते
और अगर कभी मिल भी जाएं
तो फ़िर दोबारा सबकुछ पहले जैसा
नहीं हो सकता
इस बात से दिल वाक़िफ है
इसीलिए ही तो इतना दर्द में है

© rõõh