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वसंत पंचमी
हे, मां कृपा कर दो,
झोली ज्ञान से भर दो।
सुना है जो भी,
आपकी पावन शरण में आते।
वे प्रकांड पंडित बनकर फिर,
अखिल विश्व पर छा जाते।
अच्छे बुरे की माँ पहचान हमे दे दो,
हम हैं आज्ञानी ज्ञान हमे दे दो।
कालिदास से हत बुद्धि को,
ज्ञान का ऐसा पाठ पढाया।
महाकवि के रूप में उन्होंने,
जग में फिर नाम कमाया।
भिक्षा में शिक्षा का हमको दान दो,
हम हैं आज्ञानी मां ज्ञान हमे दे दो।
हे मां कृपा कर दो
झोली मेरी भर दो।।
विद्या हमे दे दो।
अपनी शरण मे ले लो।
झोली ज्ञान से भर दो।
सुना है जो भी,
आपकी पावन शरण में आते।
वे प्रकांड पंडित बनकर फिर,
अखिल विश्व पर छा जाते।
अच्छे बुरे की माँ पहचान हमे दे दो,
हम हैं आज्ञानी ज्ञान हमे दे दो।
कालिदास से हत बुद्धि को,
ज्ञान का ऐसा पाठ पढाया।
महाकवि के रूप में उन्होंने,
जग में फिर नाम कमाया।
भिक्षा में शिक्षा का हमको दान दो,
हम हैं आज्ञानी मां ज्ञान हमे दे दो।
हे मां कृपा कर दो
झोली मेरी भर दो।।
विद्या हमे दे दो।
अपनी शरण मे ले लो।
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