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आहट दिल की

माता पिता का साया जब सिर पर होता है
हर इंसान अपनी दुनिया का राजा होता है
सोचता नहीं वो ऐसा कि एक दिन यूँ होगा
इनके बिना भी हमें दुनिया में जीना होगा

ना कोई अंदेशा ना कोई ख़बर दिल को हुई
ना कोई आहट दिल की मेरे दिल को हुई
कैसे चुपचाप जीवन के सबसे बड़े रिश्ते
ज़िंदगी वीरान कर मेरे हाथों से फ़िसल गए

जान का नुक़सान, अपनों का चले जाना
इस दर्द को बयां नहीं किया जा सकता
कोई कैसे बताये कि अपनों के बिना
दुनिया में हर लम्हा कैसा महसूस होता है

आहट दिल की तो हर पल ये कहती है कि
कुछ नहीं हुआ, यहीं हैं वो हमारे आस पास
मग़र सच ये है कि जाने वालों की राह मत देखो
वापस नहीं आते जो चले जाते हैं ख़ुदा के पास

हर लम्हा घुटन का खुली हवा में...