...

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अहसास!!
हर पल तेरी जुदाई का मुझको रूला देता है ,
किससे कहूँ मै ये बात की तू मुझे कितना याद आता है।।
ओ तेरा मुझे छुपकर ताकते रहना,
तिरछी निगाहों से मुझको देखना,
जान कर भी हमरा अनजान बनना,
पर अब महसूस होता है ओ तेरे लिए मेरा प्यार था।
हर बिता हुआ लम्हा मुझको सताता है,
किससे कहूँ मै ये बात की तू मुझे कितना याद आता है।।
कुछ अहसास होते है जो दूरियों से समझ पाते है,
तुम पास तो थे मगर हम जमाने से घबराते थे।
हर गुज़री हुई बातें निंद मेरी छुपा लेते है,
किससे कहूँ में ये बात की तूम मुझे कितना याद आते है।।
हमें मालूम है की ,
ओ गुज़रा हुआ वक़्त फिर लौटकर कर ना आयेगा,
जमाने का ओ डर अब जिंदगी भर मुझे सताएगा।
काश कि हम तभी तुम्हे बोल पाते,
तो इस तन्हाई के मंज़र से तो बच जाते।।

-शिवाजी