ये कैसा प्रेम???
साँसों की आवाजाही में वही
मादक खुश्बू,,,
और हर स्पर्श स्पंदित करता हुआ
बदन के रोम रोम को
ये कैसा प्रेम है साहिब
जो सोने भी नहीं देता है,,,
हँसने भी नहीं देता है और...
मादक खुश्बू,,,
और हर स्पर्श स्पंदित करता हुआ
बदन के रोम रोम को
ये कैसा प्रेम है साहिब
जो सोने भी नहीं देता है,,,
हँसने भी नहीं देता है और...