अभी बाकी है...(ख़्याल)
कुछ मौत करीब है, पर जीने की तमन्ना अभी बाकी है,
सांसों में ठहरी उदासियों के साये हैं, मगर उम्मीद की रौशनी अभी बाकी है।
ग़मों की आगोश में लिपटे हैं चाहतों के सिलसिले,
ख़्वाबों की चिंगारी सुलगी है, पर जलने का हौसला
अभी बाकी है।
हर दर्द से गुज़रे हैं, ठोकरों से...
सांसों में ठहरी उदासियों के साये हैं, मगर उम्मीद की रौशनी अभी बाकी है।
ग़मों की आगोश में लिपटे हैं चाहतों के सिलसिले,
ख़्वाबों की चिंगारी सुलगी है, पर जलने का हौसला
अभी बाकी है।
हर दर्द से गुज़रे हैं, ठोकरों से...