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"अनमोल बंधन"


तू सुबह की पहली किरन, मैं सूरज की रोशनी बनूँ,
तू बन जा बंसी की धुन, मैं उसमें मधुर राग भरूँ।
आज फिजा में तेरा रंग हो, मैं उसे रंगीन करूँ,
तू हवा की बांसुरी बन, मैं उसमें प्रेम गीत भरूँ।
यहां न कोई दूरी, न कोई...