प्रेम
तुम्हारे प्रेम में रंगकर मे ,हर एक गीत गाऊंगी।
सजा अंतश मे अपने , बला हर एक उतारूंगी।
तुम्हारे प्रेम का अनुबंध हो , गर ज्ञात तुमको भी ।
आओगे क्या ?
मैं जिस क्षण भी तुम्हे मिलने...
सजा अंतश मे अपने , बला हर एक उतारूंगी।
तुम्हारे प्रेम का अनुबंध हो , गर ज्ञात तुमको भी ।
आओगे क्या ?
मैं जिस क्षण भी तुम्हे मिलने...