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तमन्ना
आखिर ये जिन्दगी कब तक़ उलझनों. की चक्की में पिसती रहेगी
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये अभीप्साये और आकाक्षआये
जन्म लेती रहेगी
शयद तब तक़ ज़ब तक़ नज़रे सूनी
चाल बहकी और जुबान हमारी लड़खड़ाती रहेगी
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये चेहरा ख़ुशक और हमारा हाल बेहाल बना रहेगा..... शायद ऐसी ही जिंदगी पाने की तुमने तमन्ना कभी की होंगी...
© All Rights Reserved
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये अभीप्साये और आकाक्षआये
जन्म लेती रहेगी
शयद तब तक़ ज़ब तक़ नज़रे सूनी
चाल बहकी और जुबान हमारी लड़खड़ाती रहेगी
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये चेहरा ख़ुशक और हमारा हाल बेहाल बना रहेगा..... शायद ऐसी ही जिंदगी पाने की तुमने तमन्ना कभी की होंगी...
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