...

1 views

तमन्ना
आखिर ये जिन्दगी कब तक़ उलझनों. की चक्की में पिसती रहेगी
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये अभीप्साये और आकाक्षआये
जन्म लेती रहेगी
शयद तब तक़ ज़ब तक़ नज़रे सूनी
चाल बहकी और जुबान हमारी लड़खड़ाती रहेगी
शायद तब तक़ ज़ब तक़ ये चेहरा ख़ुशक और हमारा हाल बेहाल बना रहेगा..... शायद ऐसी ही जिंदगी पाने की तुमने तमन्ना कभी की होंगी...
© All Rights Reserved