...

23 views

बेइंतहा चाहकर भी ऐसा क्यों हुआ......!!

रहम कर ए- दिल निहाद तू मुझपर, हर बार मेरी मोहब्बत रोई, ऐसा मेरी इन मासूम आंखों के साथ क्यों हुआ ...?
खुदगर्ज बना बैठा है मेरे लिए यह वक्त तुम्हारा , झुठी हुई मेरी बेइंतेहा मोहब्बत , यह भी होना ही था ऐसा ही क्यों हुआ..?
साथ ना छोड़ेगी मुझ पर लगी है ये मोहब्बत की बदनामिया, छोड़ चली गई खुशियां सारी, हर तरफ से गम मेरा ही क्यों हुआ...?



बेहतरीन लगता है तुझे मेरी बेइंतेहा चाहत पर हंसना, चारों तरफ से मेरा ही तमाशा क्यों हुआ..?
बड़ी ज़ालिम- सी बनी बैठी है किस्मत मेरी, ये मोहब्बत में हाल- ए- बेहाल बार-बार मेरा ही क्यों हुआ......?
क्या ख़ूब शातिर है ये मोहब्बत की अदाएं भी ...खामोशी, तलब, चाहत ....,
बहुत जुल्म किए ए-दिल-निहाद तूने मुझपर, हर बार तेरा निशाना मेरा दिल ही क्यों हुआ....?



ए- सनम बेकसूर हूं मैं , किसी और के गुनाहों का हकदार मेरा अरमान क्यों हुआ ...?
तोड़ा जा चुका है कोना- कोना मेरे दिल का, इन बिखरे टुकड़ों पर भी आज सितम तेरा क्यों हुआ...?
मुश्किले बहुत है अब मोहब्बत को पाने की राहों में.....,
इन खामोश दिल की वादियों में, आज बिन आवाज़ ये शोर कैसे और क्यों हुआ............?



मिल ना पाई कभी मुझे अपनी मोहब्बत , तुझे बेइंतेहा चाहकर भी मेरा एहसास इस तरह गुमनाम क्यों हुआ ...?
वास्तविकता से बहुत दूर है ये मेरी आंखों की ख्वाहिशे, ये झूठे इश्क का धोखा इन आंखों के साथ क्यों हुआ ....?
मेरे इन सवालों के जवाब में किससे मांगू ....!!
बताओ ना दिलबर ...!! हंसकर सब सहने वाला ही तेरे दिए जुल्मों का शिकार क्यों हुआ...?



एक पल के लिए कोई समेट ले मेरी चाहत के टुकड़ों को ,मेरे अपने ने ही मुझे तोड़ दिया, इस हकीकत से मेरा हि सामना क्यों हुआ ..........?
कोई तो आए जो छूकर देखे मेरे आंसूओ को, यह सोच कोई नहीं है मेरा अपना , इतना बुरा आखिर क्यों हुआ .......?
क्यों? एहसास नहीं होता तुझे मेरे तड़पने का....!!
यह दर्द भरा लफ्ज़ बेइंतेहा मोहब्बत का मेरा , सामने आकर भी झूठा क्यों हुआ.....?



ये गुस्से भरे जुल्म तेरे ,मुझे बड़े उबाऊ से लगते हैं, तो नकब्द से मुझे तुमसे ही प्यार क्यों हुआ.....?
अगर तुझे मेरा बेइंतेहा चाहना गलत नहीं लगता था, तो आज ये हम दोनों के बीच इतना फासला क्यों हुआ.........?
मुश्त-ए-खाक है तेरे लिए मेरे ये जज्बात ......!!
कैसे ?आसुदगी होगी मुझे अब अकेलेपन से.., ये तेरा दिया दर्द मेरा ही क्यों हुआ.....?



कितनी शिद्दत थी मुझे मेरी बेइंतहा चाहत से , सब बिखर गई, इनको फिर से समेटने का भार मुझ पर ही क्यों हुआ ...?
रोती है आंखे , फिर भी अपने दर्द से खामोश हैं जूबा, ये मोती है , तो ये तेरे सामने पानी क्यों हुआ...?
अब नहीं रही किसी और से दिल लगाने की हसरतें मुझे...!!
बस एक जवाब चाहिए सनम, हमारी तो दो तरफा बेइंतेहा मोहब्बत थी ना..., इतना चाहने के बाद भी आखिर ऐसा क्यों हुआ .....?
आखिर ऐसा क्यों हुआ.....?

__ JANKI KUNWAR

jaani2321❤️❤️
© All Rights Reserved
#love #lovefeeling #beintihaaMohabbat #ishak #Love&love #Love&love💞 #pyar #sitam #Heart #broken