दीवाना/दीवानी
दीवाना/ दीवानी
वो पागल सा दीवाना सा,
मैं भी पागल उसकी दीवानी,
खो गई हूँ उसके इश्क़ में
नींद ना जाने कहाँ चली गई ।
मेरी साँसों में उसकी रवानी,
जिससे महके इश्क़ रूहानी,
लबों पे भी है नाम उसका,
जिससे सजती मेरी कहानी।
हर कदम पे साथ चलती रहूँगी,
उदास होने पे हंसी लाती रहूँगी,
दिया बाती सा रिश्ता हमारा,
रूहानी एहसास से जीती रहूँगी।
मेरी आँखों में अक्स तेरा रहता,
लबों में हर दम नाम तेरा रहता,
दीवानी दीवानी करते लोग मुझे,
मेरे नाम के साथ नाम तेरा रहता।
निशा शेठ
© All Rights Reserved
वो पागल सा दीवाना सा,
मैं भी पागल उसकी दीवानी,
खो गई हूँ उसके इश्क़ में
नींद ना जाने कहाँ चली गई ।
मेरी साँसों में उसकी रवानी,
जिससे महके इश्क़ रूहानी,
लबों पे भी है नाम उसका,
जिससे सजती मेरी कहानी।
हर कदम पे साथ चलती रहूँगी,
उदास होने पे हंसी लाती रहूँगी,
दिया बाती सा रिश्ता हमारा,
रूहानी एहसास से जीती रहूँगी।
मेरी आँखों में अक्स तेरा रहता,
लबों में हर दम नाम तेरा रहता,
दीवानी दीवानी करते लोग मुझे,
मेरे नाम के साथ नाम तेरा रहता।
निशा शेठ
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