ठहर जा
डरता हुं 'सहाब' अब कुछ एहसास करने में,
एक तो नादान सा अपना यह दिल,
और उसपे बुद्धू सा मचलता हुआ सा यह मन...
कुछ बातें हौले हौले आगे बढ़ने तो दो जनाब,
क्या पता हमारा कारवाँ कहाँ थम जाये,
या फिर मंज़िल तक पहुँच जाये।
© SimplyNJ
एक तो नादान सा अपना यह दिल,
और उसपे बुद्धू सा मचलता हुआ सा यह मन...
कुछ बातें हौले हौले आगे बढ़ने तो दो जनाब,
क्या पता हमारा कारवाँ कहाँ थम जाये,
या फिर मंज़िल तक पहुँच जाये।
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