आसान नहीं होता
हिज्र की आग में जलना, आसान नहीं होता!
इन ऑंसुओं को रोक पाना, आसान नहीं होता!
जनाज़े के साथ चलने वाले हॅंस रहे थे मुझपर,
मोहब्बत की मय्यत में जाना, आसान नहीं होता!
कुछ दोस्त भी शरीक हुए थे ग़मों का हिसाब लेने,
जुदाई की वज़ह समझाना, आसान नहीं होता!
मैं गुनहगार नहीं हूॅं, अपनी मोहब्बत के क़त्ल का,
इसके इल्ज़ाम में सज़ा पाना, आसान नहीं होता!
© संजीव सिंह ✍️
इन ऑंसुओं को रोक पाना, आसान नहीं होता!
जनाज़े के साथ चलने वाले हॅंस रहे थे मुझपर,
मोहब्बत की मय्यत में जाना, आसान नहीं होता!
कुछ दोस्त भी शरीक हुए थे ग़मों का हिसाब लेने,
जुदाई की वज़ह समझाना, आसान नहीं होता!
मैं गुनहगार नहीं हूॅं, अपनी मोहब्बत के क़त्ल का,
इसके इल्ज़ाम में सज़ा पाना, आसान नहीं होता!
© संजीव सिंह ✍️