काश कोई समझता
मेरी बातो में खामोशियों को कोई समझता
मेरी मुस्कुराहट के पीछे की तकलीफ़ को कोई समझता
मेरी आजादी में बंदिशों को कोई समझता
काश कि कोई मेरे जज़्बात को समझता
पाकर...
मेरी मुस्कुराहट के पीछे की तकलीफ़ को कोई समझता
मेरी आजादी में बंदिशों को कोई समझता
काश कि कोई मेरे जज़्बात को समझता
पाकर...