माँ
मैं चिड़िया तेरे आगन की, तू मेरी पहरेदार है,
मैं गलतियों की भंडार हू, तू माफी की सौगात है,
जब धूप से तप जाऊँ मैं, तू अचल मुझपर bichhatii है,
जब उदासी मन में व्याप्त हो, तू प्रेम भरा बांह फैलती है,
मेरे मन का अंधेरा दूर कर, रोशन रह मुझे दिखती है,
हर सुबह...
मैं गलतियों की भंडार हू, तू माफी की सौगात है,
जब धूप से तप जाऊँ मैं, तू अचल मुझपर bichhatii है,
जब उदासी मन में व्याप्त हो, तू प्रेम भरा बांह फैलती है,
मेरे मन का अंधेरा दूर कर, रोशन रह मुझे दिखती है,
हर सुबह...