रोटी
हाथ पैर कितना भी मार कर,
बस यही जान पड़ता है,
जहाँ खड़े थे कल,
दो कदम पीछे ही खड़े है आज।
इतना बेबस...
बस यही जान पड़ता है,
जहाँ खड़े थे कल,
दो कदम पीछे ही खड़े है आज।
इतना बेबस...