अहसास-ए-दिल
ख़ाब आंखों में लिये जीये जाता हूँ
हर ज़ख्म अपनो के दिये सिंये जाता हूँ।
ये हुनर है या कमजोरी है मेरी नहीं मालूम
मैं जहर को दवा...
हर ज़ख्म अपनो के दिये सिंये जाता हूँ।
ये हुनर है या कमजोरी है मेरी नहीं मालूम
मैं जहर को दवा...