...

6 views

ग़ज़ल
हमी है भारत तलाश कर लो सभी पे भारी मिलेंगे तुमको
कहीं पे इंग्लिश कहीं पे उर्दू कहीं पे हिन्दी मिलेंगे तुमको

कि लाख गहरा मिले समन्दर ये अपने दिल में यक़ीन करलो
ज़रा सी मुश्किल तो होगी लेकिन यहीं पे मोती मिलेंगे तुमको

मिरी क़लम के अजीब तेवर कभी भी यकसा नहीं हुए हैं
कभी मुहानी ,फ़िराक़ ,ग़ालिब कभी मजाज़ी मिलेंगे तुमको

अभी तो पूरी ही ज़िन्दगी है ज़रा तो हमको समझ लो जांना
तिरी ही हद से निकल गए तो, कहीं न बाक़ी मिलेंगे तुमको

शाबान नाज़िर -
© SN