मित्रवर मेरे
आलिंगन से तृप्त हुआ मन,
अब आत्म मिलन की बारी है।
हे!परम मित्र तुम मुस्कान बिखेरो,
तुम्हारी ये मुस्कान बड़ी ही प्यारी है।
दुनियां देखत बीत रहा...
अब आत्म मिलन की बारी है।
हे!परम मित्र तुम मुस्कान बिखेरो,
तुम्हारी ये मुस्कान बड़ी ही प्यारी है।
दुनियां देखत बीत रहा...