तुम चंचल
चहक रही थी चिड़िया
मेरे घर की आंगन में
वो चमक रही थी बैठी
अपने घर की आंगन में,
वो आ रही थी छतपे
बचके सबकी नजरों में
उसका चमक रहा था चेहरा
जैसे चमके...
मेरे घर की आंगन में
वो चमक रही थी बैठी
अपने घर की आंगन में,
वो आ रही थी छतपे
बचके सबकी नजरों में
उसका चमक रहा था चेहरा
जैसे चमके...