मैंने जो लिखी हर शायरी उसे सुनना चाहता हूं
मैंने जो लिखी हर शायरी उसे सुनना चाहता हूं
एक बार फिर उसे गले लगाना चाहता हूं
रॉक रखे थे जो एक अरसे से अपनी आंखों में
उसकी गोद में सर रखकर आंसू बहाना चाहता हूं
वही मेरी दुआ है वही मेरा खुदा है
वही मेरी दुआ है वही मेरा सुधा है
उसके बिना बीते हुए हर लमहे को से बताना चाहता हूंमैंने जो लिखी है शायरी उसे सुनना चाहता हूं
रह गई थी जो अधूरी...
एक बार फिर उसे गले लगाना चाहता हूं
रॉक रखे थे जो एक अरसे से अपनी आंखों में
उसकी गोद में सर रखकर आंसू बहाना चाहता हूं
वही मेरी दुआ है वही मेरा खुदा है
वही मेरी दुआ है वही मेरा सुधा है
उसके बिना बीते हुए हर लमहे को से बताना चाहता हूंमैंने जो लिखी है शायरी उसे सुनना चाहता हूं
रह गई थी जो अधूरी...