शीर्षक - नारी कहाँ सुरक्षित है?
करुणा, ममता की है मूर्ति नारी,
जग में क्या रक्षित है?
हर जगह है अब असुरक्षित,
नारी कहाँ सुरक्षित है?
कभी गर्भ में मारी गयी है,
कभी बलात्कार का शिकार हुई
इंसानियत कहाँ सोई है,
नारी प्रताड़ित हर बार हुई।
आगे कदम बढ़ाए जब उसने ,
जग ने पल- पल रोका है,
गलत नजर से देखे कोई,
पर नारी को ही टोका है।
©
जग में क्या रक्षित है?
हर जगह है अब असुरक्षित,
नारी कहाँ सुरक्षित है?
कभी गर्भ में मारी गयी है,
कभी बलात्कार का शिकार हुई
इंसानियत कहाँ सोई है,
नारी प्रताड़ित हर बार हुई।
आगे कदम बढ़ाए जब उसने ,
जग ने पल- पल रोका है,
गलत नजर से देखे कोई,
पर नारी को ही टोका है।
©