...

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सोचो क्या सोचना है
सोचते रहते हैं क्या हम
जिन्दगी मै है कितने गम
मगर फिर भी मुस्कुराना
क्योंकि गम को तरश नहीं आने वाला
और काहे को रो के वक़्त गवाना
जिन्दगी है जब तक
खुद हंसना और सब को हंसाना।
© tanuja