...

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भूलना नहीं चाहती part 2
तुम्हारी कोई बात मैं सुनना नहीं चाहती,
और सुन लूं तो उसे भूलना नहीं चाहती...
नफरत का जीता जागता एहसास हो
तुम मेरे लिए
और अब उस एहसास को छुपाना नहीं चाहती.....
काश जो आज कह रही हूं कर देती उस वक्त
तो आप मुझे उसके लिए पछताना नहीं पड़ता..
पर जो मैं कहना चाहती थी वह तुमने कह दिया....
लेकिन अफसोस उसकी खुशी को महसूस मैंने किया ......
और अब मैं तुमसे कोई बात कहना नहीं चाहती......
और तुमसे कभी बोलना नहीं चाहती......
© Shaili