जबाव अभी बाकी है
पल दो पल का सही।
प्रहार अभी बाकी है।
धड़कने बची है,
सांस अभी बाकी है।
इक मोहरा शतरंज में अब भी खड़ा है।
हर चाल कि चाल का सफर तय कर रह है शह हुई हैं मगर,
मात अभी बाकी है।
धड़कने बची है सांस अभी बाकी है। मौसम बदलता है,
घटाएं घनघोर है
ठहरी हवाओं में...
प्रहार अभी बाकी है।
धड़कने बची है,
सांस अभी बाकी है।
इक मोहरा शतरंज में अब भी खड़ा है।
हर चाल कि चाल का सफर तय कर रह है शह हुई हैं मगर,
मात अभी बाकी है।
धड़कने बची है सांस अभी बाकी है। मौसम बदलता है,
घटाएं घनघोर है
ठहरी हवाओं में...