विषय - ये कैसी मजबूरी है====================
ये कैसी मजबूरी है,
जहाँ अपनों से ही दूरी है।
दूजों की रक्षा की खातिर,
मेरी हर ख्वाहिश अधूरी है।।
ये कैसी मजबूरी है,
जहाँ अपनों से ही दूरी है।
माता पिता और भाई बहन,
सब रिश्ते नाते छूट गए।
बचपन के बिछुड़े मित्रों को,
देखन को नैना फूट...