" परिंदा "
( Hindi translation for all non Punjabi reader's 🙂)
केहती ! कौन परिंदा, तेरे पास आ टिकता है ...
कमबख़्त दर्द भी हो जुदा तेरा, बीच बाज़ारों बिकता है !! ੨ !!
उठा नई सियाही ! तू भी दर्द पुराने लिखता है ...
जाने तुझे, आज भी ! बीती बातों में क्या दिखता है !! ੨ !!
उड़ गए जिन्होंने उड़ना था ! केहते भविष्य अपना, आख़िर सबको...