ek raat thi
रोया उस रात
जब खंजर मेरे हाथ थी
सर पे बोझ
और दिल मै अजीब शोर था
टूटी किस्मत
और हौसला बेकार था
काली रात
और नींदें बेहसाब था
रोया उस रात ...
जब खंजर मेरे हाथ थी
सर पे बोझ
और दिल मै अजीब शोर था
टूटी किस्मत
और हौसला बेकार था
काली रात
और नींदें बेहसाब था
रोया उस रात ...