...

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खिड़की
तुमने खिड़की से
चाँद देखा है
पर हमने तो
खिड़की पर चाँद
देखा है रात थी
जब तुम्हारा शहर
आया फिर भी
खिड़की तो
मैंने खोल ही
ली तेरे आने की
उम्मीद और भी
तड़पाती है मेरी
खिड़की पे जब
शाम उतर आती है
© Kushi2212