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प्रेम❣️
सुनो!
.
कुछ घाव मेरे तुम भर देना!
सारी कमियां पूरी मैं कर दुंगी!
अपने दुःख मुझे सौंप के , मन खाली मुझसे कर लेना!
इस जीवन बगिया में , खुशियों की महक मैं भर दुंगी!
पिता की गोद तुम बन जाना!
तुम्हें "माँ" के आँचल में , मैं भर लुंगी!
भाई सा झगड़ा तुम कर लेना!
रूठना मनाना मैं कर लुंगी!
दोस्ती की बात बढ़ा तुम देना!
निभाना जताना मैं कर लुंगी!
तुम थामे रखना बस हाथ मेरा !
तय सफर अकेले मैं कर लुंगी!
बन के रहना जीवनसाथी,,,,,, सारे वचन पूर्ण मैं कर लुंगी!
हर जन्म में मिलना मुझको , बनके प्रियतम!
अर्धांगिनी बन के , "प्रियवर"
प्रेम अमर मैं कर दुंगी!
🌸
🌸प्रतिभा
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कुछ घाव मेरे तुम भर देना!
सारी कमियां पूरी मैं कर दुंगी!
अपने दुःख मुझे सौंप के , मन खाली मुझसे कर लेना!
इस जीवन बगिया में , खुशियों की महक मैं भर दुंगी!
पिता की गोद तुम बन जाना!
तुम्हें "माँ" के आँचल में , मैं भर लुंगी!
भाई सा झगड़ा तुम कर लेना!
रूठना मनाना मैं कर लुंगी!
दोस्ती की बात बढ़ा तुम देना!
निभाना जताना मैं कर लुंगी!
तुम थामे रखना बस हाथ मेरा !
तय सफर अकेले मैं कर लुंगी!
बन के रहना जीवनसाथी,,,,,, सारे वचन पूर्ण मैं कर लुंगी!
हर जन्म में मिलना मुझको , बनके प्रियतम!
अर्धांगिनी बन के , "प्रियवर"
प्रेम अमर मैं कर दुंगी!
🌸
🌸प्रतिभा
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