'खुदकुशी का सच'
कौन चाहता है खुद की खुशी से मर जाना,
मगर जीने के लिए भी तो चाहिए कोई बहाना,,
मर जाना इतना भी आसान नहीं होता,
हर सांस में दबी हुई एक कहानी होती है,,
लोगों के लिए तो बस एक शक्श पंखे से लटकता है,
लेकिन सच में वहाँ एक पूरी दुनिया बिखरता है,,
माँ-बाप की उम्मीदों का गला घुटता है,
बहन के अरमानों का दीप बुझता है,,
भाई का साथी कहीं खो जाता है,
और बुढ़ापे का सहारा भी दूर...
मगर जीने के लिए भी तो चाहिए कोई बहाना,,
मर जाना इतना भी आसान नहीं होता,
हर सांस में दबी हुई एक कहानी होती है,,
लोगों के लिए तो बस एक शक्श पंखे से लटकता है,
लेकिन सच में वहाँ एक पूरी दुनिया बिखरता है,,
माँ-बाप की उम्मीदों का गला घुटता है,
बहन के अरमानों का दीप बुझता है,,
भाई का साथी कहीं खो जाता है,
और बुढ़ापे का सहारा भी दूर...