ग़ज़ल
कुछ सपनों को पलने दे
अरमाँ और मचलने दे
मय और मैं दोनों होंगे
पहले ये दिन ढलने...
अरमाँ और मचलने दे
मय और मैं दोनों होंगे
पहले ये दिन ढलने...