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जीना सिखाती रोशनी तो दिये जलते भला क्यों
एक सूरज के ढल जाने से दिन ढलते भला क्यों
क्या ताल्लुक है अँधेरों का यहाँ रात से आखिर
गर कालिख है तो हसीं सपने पलते भला क्यों
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एक सूरज के ढल जाने से दिन ढलते भला क्यों
क्या ताल्लुक है अँधेरों का यहाँ रात से आखिर
गर कालिख है तो हसीं सपने पलते भला क्यों
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