!! न छूने की इस दौर में !!
छूने से भी फ़ैल जाना वाला बिमारी कि इस दौर में, मुंह में मुंह डालकर, सांसों में सांस देने की हिम्मत करना मूर्खता है..मगर मोहब्बत है.
जब तक सांस है तो हाथों में हाथ डालकर अपने बाहों में और पैरों पर सुलाना मूर्खता है.. मगर अपने को जीने की आस में लोग हैं।
बेवसी है, तड़प है; अपनो को बचाने की आखिरी सांस कोशिश है।
इस छुआ छूत के दौर में अपने को बचाने की परवाह कहां है।
मुंह में मुंह डाल कर सांस देने कि हिम्मत करना मूर्खता तो है मगर... मोहब्बत है!!
😔😢🥺❤️🙏
_ ऋषिकेश तिवारी
घर पर रहें सुरक्षित रहें 🙏 जान है तो जहान है!
जब तक सांस है तो हाथों में हाथ डालकर अपने बाहों में और पैरों पर सुलाना मूर्खता है.. मगर अपने को जीने की आस में लोग हैं।
बेवसी है, तड़प है; अपनो को बचाने की आखिरी सांस कोशिश है।
इस छुआ छूत के दौर में अपने को बचाने की परवाह कहां है।
मुंह में मुंह डाल कर सांस देने कि हिम्मत करना मूर्खता तो है मगर... मोहब्बत है!!
😔😢🥺❤️🙏
_ ऋषिकेश तिवारी
घर पर रहें सुरक्षित रहें 🙏 जान है तो जहान है!